1. मुझे यह विशेषण लगाना या समूहों में विभाजित करना कभी उचित नहीं लगा. 2. क्या संवेदना के साथ ' नई' या 'पुरानी' ऐसा कोई विशेषण लगाना उचित है? 3. मुझे यह विशेषण लगाना या समूहों में विभाजित करना कभी उचित नहीं लगा. 4. ओबामा सिर्फ़ ओबामा ही क्यों न रहें क्या कोई विशेषण लगाना इतना आवश्यक है! 5. विशेषण से रची-बसी वस्तु के साथ विशेषण लगाना मानो उसकी सुंदरता को क्षीण समझना है। 6. और अगर पुरुषवाचक शब्द पर यह विशेषण लगाना ही हो तो? अजी उसके लिए 'महान्' शब्द है न। 7. सभी अपनी बात में गरीबों, पिछड़ों, दलितों, वंचितों के मसीहा, तारणहार माननीय जैसे विशेषण लगाना नहीं भूल रहे थे. 8. आतंकवादी को ‘ हिंदू ' विशेषण लगाना संभ्रम मानना चाहि ए. कारण यह जोड़ी बन ही नहीं सकती. 9. क्या संवेदना के साथ ' नई ' या ' पुरानी ' ऐसा कोई विशेषण लगाना उचित है? क्या संवेदना ऐसे बदलती है? 10. सभी अपनी बात में गरीबों, पिछड़ों, दलितों, वंचितों के मसीहा, तारणहार माननीय जैसे विशेषण लगाना नहीं भूल रहे थे.